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ELSS क्या है? Tax बचाने वाले Mutual Fund की पूरी जानकारी (2025)
ELSS क्या है? Tax बचाने वाले Mutual Fund की पूरी जानकारी (2025)
क्या आप भी हर साल टैक्स बचाने के लिए अंतिम समय में निवेश के विकल्प खोजते हैं? क्या आप एक ऐसा निवेश विकल्प चाहते हैं जो न केवल आपका टैक्स बचाए, बल्कि लंबी अवधि में शेयर बाजार की तरह शानदार रिटर्न भी दे? अगर हाँ, तो ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) आपके इन दोनों सवालों का एक बेहतरीन जवाब है।
Paisa Blueprint में आपका स्वागत है! आज के इस लेख में, हम भारत के सबसे लोकप्रिय टैक्स-बचत निवेशों में से एक, ELSS म्यूचुअल फंड को गहराई से समझेंगे। हम जानेंगे कि यह क्या है, यह कैसे काम करता है, और क्या यह आपके लिए सही विकल्प है।

ELSS फंड क्या है और यह कैसे काम करता है?
ELSS एक विशेष प्रकार का इक्विटी म्यूचुअल फंड होता है। इसका मतलब है कि यह आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे का अधिकांश हिस्सा (कम से कम 80%) सीधे शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के शेयरों में लगाता है।
यह "विशेष" इसलिए है, क्योंकि इसमें किए गए निवेश पर आप भारत के आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1,50,000 तक की छूट का दावा कर सकते हैं।
💡 ज्ञान बॉक्स: धारा 80C क्या है?
सरल शब्दों में, धारा 80C आयकर अधिनियम का एक प्रावधान है जो आपको अपनी कुल कर योग्य आय (Total Taxable Income) में से ₹1,50,000 तक कम करने की अनुमति देता है, यदि आप सरकार द्वारा निर्दिष्ट योजनाओं (जैसे PPF, ELSS, जीवन बीमा, आदि) में यह पैसा निवेश करते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
मुख्य विशेषता: 3 साल का लॉक-इन पीरियड
ELSS फंड में किया गया आपका हर निवेश 3 साल के लिए लॉक हो जाता है। इसका मतलब है कि आप निवेश की तारीख से 3 साल तक अपना पैसा नहीं निकाल सकते। यह सभी 80C निवेश विकल्पों में सबसे कम लॉक-इन पीरियड है।
ELSS किसके लिए है सर्वश्रेष्ठ?
- उन वेतनभोगी लोगों के लिए जो धारा 80C के तहत टैक्स बचाना चाहते हैं।
- उन युवा निवेशकों के लिए जो थोड़ा जोखिम ले सकते हैं और लंबी अवधि में इक्विटी से उच्च रिटर्न कमाना चाहते हैं।
- जो लंबी अवधि के अनिवार्य लॉक-इन (जैसे PPF में 15 साल) से बचना चाहते हैं।
ELSS में निवेश के फायदे और नुकसान
फायदे (Pros)
- दोहरा लाभ: यह आपको टैक्स बचत और इक्विटी बाजार की वृद्धि, दोनों का लाभ एक साथ देता है।
- सबसे कम लॉक-इन पीरियड: PPF (15 साल) और टैक्स सेवर FD (5 साल) की तुलना में, ELSS का 3 साल का लॉक-इन पीरियड सबसे कम है।
- उच्च रिटर्न की क्षमता: चूँकि यह शेयरों में निवेश करता है, इसलिए इसमें लंबी अवधि में महंगाई को मात देने और उच्च रिटर्न देने की क्षमता होती है।
- SIP की सुविधा: आप हर महीने एक छोटी राशि (जैसे ₹500) की SIP के माध्यम से भी इसमें निवेश कर सकते हैं।
नुकसान/जोखिम (Cons)
- बाजार का जोखिम: रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। यदि शेयर बाजार नीचे जाता है, तो आपके निवेश का मूल्य भी कम हो सकता है।
- अनिवार्य लॉक-इन: आप किसी भी आपात स्थिति में 3 साल से पहले अपना पैसा नहीं निकाल सकते।
🧠 अभ्यास प्रश्न 1: आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स बचाने वाले निम्नलिखित निवेश विकल्पों में से किसका लॉक-इन पीरियड सबसे कम होता है?
(A) पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
(B) ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम)
(C) टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
(D) नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
उत्तर देखने के लिए क्लिक करें
उत्तर: (B) ELSS
विवरण: ELSS का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल होता है, जबकि PPF का 15 साल और Tax Saver FD/NSC का 5 साल होता है।
तुलना: ELSS vs PPF vs Tax Saver FD
आइए, 80C के तीन सबसे लोकप्रिय विकल्पों की तुलना करें:

आधार | ELSS (म्यूचुअल फंड) | PPF (सरकारी योजना) | Tax Saver FD (बैंक) |
---|---|---|---|
निवेश | शेयर बाजार (इक्विटी) | सरकारी बॉन्ड | बैंक के पास जमा |
जोखिम | उच्च (बाजार पर निर्भर) | शून्य (सरकार द्वारा संरक्षित) | लगभग शून्य |
लॉक-इन | 3 वर्ष (सबसे कम) | 15 वर्ष (बहुत लंबा) | 5 वर्ष |
रिटर्न क्षमता | उच्च (12%-18% या अधिक) | मध्यम (वर्तमान में ~7.1%) | कम (वर्तमान में ~6%-7.5%) |
🧠 अभ्यास प्रश्न 2: एक युवा निवेशक जो टैक्स बचाने के साथ-साथ उच्च रिटर्न के लिए थोड़ा बाजार जोखिम लेने को तैयार है, उसके लिए सबसे अच्छा विकल्प कौन सा है?
(A) PPF
(B) Tax Saver FD
(C) ELSS
(D) सभी बराबर हैं
उत्तर देखने के लिए क्लिक करें
उत्तर: (C) ELSS
सबसे अच्छा ELSS फंड कैसे चुनें?
- लगातार प्रदर्शन देखें: केवल पिछले 1 साल का रिटर्न न देखें। उस फंड को चुनें जिसने पिछले 5, 7 और 10 वर्षों में लगातार अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया हो।
- एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) जांचें: यह फंड को चलाने का खर्च होता है। हमेशा कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड को प्राथमिकता दें (1% से कम अच्छा माना जाता है)।
- डायरेक्ट प्लान चुनें: हमेशा रेगुलर प्लान के बजाय डायरेक्ट प्लान में निवेश करें, क्योंकि इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है और आपको लंबा रिटर्न मिलता है।
ELSS में निवेश कैसे करें?
आप ELSS में दो तरीकों से निवेश कर सकते हैं:
- SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान): यह सबसे अच्छा तरीका है। इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। (SIP के बारे में विस्तार से पढ़ें)
- एकमुश्त (Lumpsum): आप एक बार में एक बड़ी राशि भी निवेश कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या 3 साल बाद ELSS से पैसा निकालना अनिवार्य है?
उत्तर देखने के लिए क्लिक करें
उत्तर: नहीं, बिल्कुल नहीं। 3 साल केवल न्यूनतम लॉक-इन पीरियड है। आप चाहें तो अपने निवेश को 5, 10, या 20 वर्षों तक या उससे भी अधिक समय तक बनाए रख सकते हैं ताकि चक्रवृद्धि की शक्ति का पूरा लाभ उठा सकें।
प्रश्न 2: क्या ELSS से मिला रिटर्न पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है?
उत्तर देखने के लिए क्लिक करें
उत्तर: नहीं। एक वित्तीय वर्ष में, यदि आपका कुल लाभ ₹1 लाख से अधिक है, तो ₹1 लाख से ऊपर की राशि पर 10% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स लगता है।
प्रश्न 3: एक वित्तीय वर्ष में मैं कितना ELSS खरीद सकता हूँ?
उत्तर देखने के लिए क्लिक करें
उत्तर: आप कितनी भी राशि का ELSS खरीद सकते हैं, लेकिन आयकर की धारा 80C के तहत आपको केवल ₹1,50,000 तक के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलेगी।
निष्कर्ष
ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) उन निवेशकों के लिए एक शानदार "दो-इन-वन" उत्पाद है जो टैक्स बचाने के साथ-साथ लंबी अवधि में संपत्ति भी बनाना चाहते हैं। इसका 3 साल का सबसे कम लॉक-इन पीरियड और इक्विटी का उच्च रिटर्न इसे 80C के अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत आकर्षक बनाता है, बशर्ते आप बाजार से जुड़ा जोखिम लेने में सहज हों।
इस लेख के बारे में आपके क्या विचार हैं? नीचे कमेंट्स में हमें जरूर बताएं!
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